शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके

म्यूचुअल फ़ंड

म्यूचुअल फ़ंड
अपने Mac पर स्टॉक्स ऐप में, साइडबार के शीर्ष पर वर्तमान वॉचलिस्ट के नाम पर क्लिक करें, फिर वॉचलिस्ट प्रबंधित करें चुनें।

Mutual Fund क्या हैं?

म्यूचुअल फ़ंड एक ऐसा माध्यम है जो ट्रस्ट के रूप में निवेशकों से धन प्राप्त करते है एवं म्यूचुअल फ़ंड और निवेशकों के बीच अनुबंधगत निवेश उद्देश्यों के अनुरूप विभिन्न मार्केटों और सिक्योरिटीज में उस पैसों का निवेश करते है। इसे ऐसे कहें तो म्यूचुअल फ़ंड में निवेश के जरिए निवेशक इक्विटी, बॉन्ड, मुद्रा बाज़ार में प्रवेश करता है जो उसे किसी और जाएगा उपलब्ध नहीं होता।

और इसे एसेट मैनेजमेंट कंपनी यानी AMC द्वारा दी जा रही पेशेवर फ़ंड मैनेजमेंट सेवाएँ प्राप्त करता है।

Mutual Fund की भूमिका

निवेशकों के इच्छा अनुसार म्यूचुअल फ़ंड भिन्न भिन्न प्रकार की भूमिका अदा करते हैं।

Mutual Fund की मूल भूमिका भिभिन्न सिक्योरिटीज और मार्केट में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने वाले निवेशकों को आय कमाने अथवा अपनी संपत्ति का निर्माण करने के लिए सहायता प्रदान करना है।

एक बड़े निवेशक के रूप में म्यूचुअल फ़ंड निवेशित कंपनी के हर गतिविधि, उनके कॉरपोरेट शासन और नैतिक मानकों पर नजर रखते हैं। म्यूचुअल फ़ंड विदेशी निवेशकों द्वारा किए जा रहे निधियों के बड़े इनफ़्लो और आउटफ्लो को रोकने में मार्केट स्टेबिलाइजर का कार्य करता है। अतः म्यूचुअल फ़ंड को किसीभी अर्थव्यवस्था में मुख्य पार्टीसीपेंट के रूप में देखा जाता है। म्यूचुअल फ़ंड इंडस्ट्री स्वयं ही अपने कर्मचारियों, डिस्ट्रीब्यूटरों, रजिस्ट्रारों और साथ ही अन्य सभी सर्विस प्रोवाइडरों को बडी मात्रा में आजीविका प्रदान करता है।

Mutual Fund योजनाएँ काम कैसे करती हैं?

म्यूचुअल फ़ंड योजनाएँ उनके निवेश उद्देश्यों (investment objectives) की घोषणा करती हैं

और निवेशकों से निवेश प्राप्त करती हैं।

Mutual Fund स्कीम का स्ट्रक्चर किस प्रकार से तैयार किया गया है उसके आधार पर ही investor से या तो केवल एक सीमित अवधि के दौरान जिसे SIP या किसी भी समय केलिए जिसे LIP के रूप में इन्वेस्टमेंट करने का विकल्प खुला होता है।

जो भी स्कीम या फंड में जितना निवेश किया गया हैं या किये जा रहे बदले में निवेशकों को उनके राशी अनुसार मार्केट प्राइस पर फंड का उतने यूनिट जारी किया जाता हैं। जिसे NAV यानी 'नेट एसेट वैल्यू' कहते हैं।

NAV को कैसे निकाले?

म्यूचुअल फंड में आपके द्वारा निवेश की, एक एक पैसे का हिसाब होता हैं। अभी हम nav यानी नेट एसेट वैल्यू को कैसे निकाले उसके लिए एक उदाहरण देखते हैं.

4 Nov. 2022 को Axis Nifty 100 Index Fund का प्राइस था 15.9571पैसा। यह एक Direct Growth, Index Fund है। इसमें आप 500 रूपये के साथ SIP से अथवा lumpsum इन्वेस्ट कर सकते हैं।

अभी मन ले आप इस फंड में 500 रूपये से शुरुवात की, जिसका अलॉटमेंट 4 Nov. 2022 को हो चुका है। तो आपके निवेश पर कुल 500/15.9571 = 31.3340 NAV जो AMC अर्थात एसेट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा जारी किया जाएगा। प्राइस बड़ने के साथ साथ आपके इन्वेस्टमेंट राशी भी बढ़ता रहेगा और प्राइस गिरने पर वैल्यू भी गिर जायेगी।

Mutual Fund का नए स्कीम कैसे और कौन जारी करते हैं?

जिसतरह इक्विटी मार्केट यानी शेयर बाजार म्यूचुअल फ़ंड में कोई भी कंपनी लिस्ट होने से पहले उसे IPO के जरिए प्रवेश करना पड़ता हैं, ठीक उसी प्रकार जब किसी कंपनी द्वारा म्यूचुअल फंड की कोई भी स्कीम लाते हैं तो उसे पहले new fund offer के जरिए जारी करना पड़ता है जिसे शॉर्ट में NFO कहलाते हैं।

वैसे तो भारत में काफी सारे म्युचअल फण्ड स्कीम है और बाजार में कोई भी फंड हाउस जब कोई नई योजना निकालता है, तब इससे जुड़े सभी नियमों, शर्त और दूसरी बातों की जानकारी SEBI अर्थात सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराता है।

NFO के बाद जब कोई इसे स्कीम के अंतर्गत खरीदना चाहते हैं तो उन्हें NAV यानी नेट एसेट वैल्यू की जो भी करेंट प्राइसेज चल रहे होते हैं, उसी पर खरीदते हैं।

इक्विटी स्टॉक के तरह म्यूचुअल फंड का प्रत्येक फंड की भी फेस वैल्यू होता हैं। लेकिन यह Face Value इक्विटी स्टॉक के तरह नहीं हैं, म्यूचुअल फंड की फेस वैल्यू काफी महत्व रखता हैं। फंड की प्राइस में बदलाब से फेस वैल्यू की प्राइस भी बदल जाता हैं। Nav की संख्या को इसके FV द्वारा गुणा करने पर जो गुणनफल आता है वह निवेशक की कुल निवेशित पूंजी है। स्कीम में जितना निवेश बना रहता है उस पर वह fund ब्याज आय यानी इंट्रेस्ट प्राप्त करती है।

जब निवेश की गई राशि से लाभ प्राप्त होती है तो यूनिट का असल मूल्य (true worth) बढ़ जाता है; और जब नुकसान होती हैं तो यूनिट की वैल्यू गीर जाति है।

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के बाद लाभ या हानियाँ, जो भी होता हैं, वे निवेशक या यूनिट यानी NAV धारक के होते हैं। किसी भी रूप में, किसी भी हैसियत में म्यूचुअल फ़ंड में शामिल अन्य कोई भी संस्था fund के लाभ या हानि में भागीदार नहीं हो सकती। उन्हें स्कीम को प्रारम्भ करने और इसके संचालन के लिए दिये गए योगदान के लिए शुल्क या कमीशन दिया जाता है। जो म्यूचुअल फ़ंड की स्कीम के संचालन के लिए परिचालन व्यय (operating expenses) उठाना पड़ता है। ये खर्च 1% तक जैसे होता हैं।

Mutual Fund कंपनी के आकार अथवा साइज को कैसे पता करें?

म्यूचुअल फ़ंड कंपनियों के आकार का निर्धारण उनके AUM यानी एसेट अंडर मैनेजमेंट के द्वारा किया जाता है। जब स्कीम को पहली बार NFO के जरिए प्रारम्भ की जाती है तब एसेट अंडर मैनेजमेंट AUM वो राशि होती है, जो निवेशकों से एकत्रित की जाती है।

उसके बाद यदि स्कीम से सकारात्मक लाभ मिलते है तो इसका AUM ऊपर बढ़ता है ; और यदि नकारात्मक परफॉर्मेंस के चलते नीचे गिरता जाता हैं, तो AUM भी गिरने लगते है।

विभिन्न प्रकार की Mutual Fund स्हैंकीमें क्यों होती ?

हर एक इन्वेस्टर के निवेश आवश्यकताएँ और प्राथमिकताएँ अलग अलग हो सकते हैं। निवेशकों की इन विभिन्न प्रकार की प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए म्यूचुअल फ़ंड अलग अलग प्रकार से fund यानी स्कीम के जरिए धन समूह को जुटाते है। इस तरह के प्रत्येक धन-समूह यानी pool of money को म्यूचुअल फ़ंड स्कीम कहते हैं। प्रत्येक स्कीम में पहले से ही उल्लेखित निवेश उद्देश्य होते है। ऐसे में प्रत्येक निवेशक अपनी वित्तीय लक्ष्य के अनुसार डिफरेंस टाइप्स ऑफ फंड में निवेश करते हैं, जो उनके निवेश उद्देश्य को पूरा कर सकें।

कोई चाहता हैं कि इनसे प्राप्त लाभों को उन्हें नियमित रूप से लाभांश के रूप में भुगतान किया जाए।

तो वहीं कोई निवेशक यह चाहते कि स्कीम में उनके इस राशि को ओर grow के लिए रखा जाना चाहिए।

  • निवेशकों की इन्ही विभिन्न अपेक्षाओं के समाधान के लिए म्यूचुअल फ़ंड विविध प्रकार के विकल्प प्रदान करते है। जैसे. लाभांश का भुगतान की विकल्प के लिए, dividend payout option के जरिए प्रवेश करना।
  • लाभांश पुनर्निवेश विकल्प के लिए dividend re-investment option
  • और निवेश संवृद्धि विकल्प यानी निवेशक अपनी पैसों को समय के साथ साथ grow होता देखना चाहते उसके लिए growth option को निवेश करते वक्त सिलेक्ट करना होता हैं।

क्या कोई Mutual Fund स्कीम ठप्प हो सकती है ?

Mutual Fund में Fund का प्रबंध AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा किया जाता है। और स्कीम के एसेट को कस्टोडियन के पास रखे जाते हैं। इन दोनों का परिचालन म्यूचुअल फंड ट्रस्टियों के सम्पूर्ण नियंत्रण में होता है। जो नियंत्रण और संतुलन की इस प्रणाली के चलते फ़ंड के गबन और धोखाधड़ी जैसे करतूत से बचाव होता है।

यदि कोई भी म्यूचुअल फंड sponsor कारोबार से बाहर निकलना चाहते हैं तो उन्हे ऐसा करने के पहले SEBI को स्वीकार्य अन्य sponsor को लाना होगा। नए sponsor को ट्रस्टियों, AMC आदि की संरचना तैयार करनी होगी। कभी शेयरों और सावधि जमाराशियों की कंपनियाँ गायब हो जाती हैं उससे भिन्न म्यूचुअल फ़ंड गायब नहीं हो सकते।

निवेशक को ध्यान रखना होगा कि किसी स्कीम में निवेश की कस्टडी कस्टोडियन के पास होती है। कस्टोडियन sponsor और AMC से काफी हद तक स्वतंत्र होते हैं। यह इन्वेस्टर के हित में स्कीम एसेट की संरचनागत सुरक्षा प्रदान करता है।

इसके अलावा जिस म्यूचुअल फंड संस्थान में निवेशक स्वयं को आरामदायक महसूस नहीं करता और

इसे बदलना चाहता हो उसमें उसे 30 दिन की अवधि के साथ सम्पूर्ण NAV सहित स्कीम से बाहर निकलने का विकल्प भी मिलता है।

अंत: इस प्रकार की संरचनागत अपेक्षाएं सुनिश्चित करती हैं कि निवेशक को भावी आकस्मिकताओं के प्रति म्यूचुअल फंड में निवेश पूरी तरह से सुरक्षा प्राप्त हो।

Mac पर स्टॉक्स में वॉचलिस्ट बनाएँ और प्रबंधित करें

आप फ़ॉलो किए जाने वाले टिकर चिह्नों को अलग-अलग सूचियों में समूहबद्ध करने के लिए कई वॉचलिस्ट बना सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप टेक स्टॉक, मार्केट इंडेक्स या म्यूचुअल फ़ंड जैसी श्रेणियों के लिए वॉचलिस्ट बना सकते हैं।

डिफ़ॉल्ट वॉचलिस्ट का नाम मेरे चिह्न रखा जाता है और इसमें वे सभी टिकर चिह्न शामिल होते हैं जिन्हें आपने अपनी किसी भी वॉचलिस्ट में जोड़ा है। आप मेरे चिह्न सूची को डिलीट नहीं कर सकते हैं।

वर्तमान वॉचलिस्ट के नाम के साथ साइडबार के शीर्ष पर वॉचलिस्ट पॉप-अप मेनू।

नई वॉचलिस्ट बनाएँ

अपने Mac पर स्टॉक्स ऐप में, साइडबार के म्यूचुअल फ़ंड शीर्ष पर वर्तमान वॉचलिस्ट के नाम पर क्लिक करें, फिर निम्नलिखित में से कोई कार्य करें :

नई वॉचलिस्ट चुनें।

वॉचलिस्ट प्रबंधित करें चुनें, फिर वॉचलिस्ट जोड़ें बटन पर क्लिक करें।

नई वॉचलिस्ट का नाम दर्ज करें।

सहेजें पर क्लिक करें

प्रदर्शित करने के लिए वॉचलिस्ट म्यूचुअल फ़ंड चुनें

अपने Mac पर स्टॉक्स ऐप में, साइडबार के शीर्ष पर वर्तमान वॉचलिस्ट के नाम पर क्लिक करें, फिर वह वॉचलिस्ट चुनें जिसे आप साइडबार में प्रदर्शित करना चाहते हैं।

वॉचलिस्ट का नाम बदलें

अपने Mac पर स्टॉक्स ऐप में, साइडबार के शीर्ष पर वर्तमान वॉचलिस्ट के नाम पर क्लिक करें, फिर वॉचलिस्ट प्रबंधित करें चुनें।

वह वॉचलिस्ट चुनें जिसका आप नाम बदलना चाहते हैं, वॉचलिस्ट के नाम पर डबल-क्लिक करें, नया नाम दर्ज करें, फिर रिटर्न दबाएँ।

पूर्ण पर क्लिक करें।

वॉचलिस्ट को रीऑर्डर करें

अपने Mac पर स्टॉक्स ऐप में, साइडबार के शीर्ष पर वर्तमान वॉचलिस्ट के नाम पर क्लिक करें, फिर वॉचलिस्ट प्रबंधित करें चुनें।

वॉचलिस्ट को अपने मनचाहे क्रम में ड्रैग करें।

पूर्ण पर क्लिक करें।

वॉचलिस्ट डिलीट करें

अपने Mac पर स्टॉक्स ऐप में, साइडबार के शीर्ष पर वर्तमान वॉचलिस्ट के नाम पर क्लिक करें, फिर वॉचलिस्ट प्रबंधित करें चुनें।

वह वॉचलिस्ट चुनें जिन्हें आप डिलीट करना चाहते हैं, फिर वॉचलिस्ट हटाएँ बटन पर क्लिक करें।

बचत करना सीखें

हम पहले ही सीख चुके हैं कि निवेश क्या है। दोहरान के लिए, निवेश म्यूचुअल फ़ंड करना पूंजी को धन कमाने के लिए अलग अलग उपकरणों में नियोजित करना है। आपकी निधि से कुछ लाभ अर्जित करने के लिए और उसे मुद्रास्फीति से सुरक्षित करने के लिए निवेश सर्वश्रेष्ठ तरीका है। यद्यपि, यह एक बड़ा प्रश्न खड़ा करता है। आपको किन उपकरणों में निवेश करना चाहिए? निम्न संदर्शिका आपकी सहायता कर सकती है।

उपलब्ध निवेश विकल्प इस प्रकार हैं:

इक्विटी शेयर:

इक्विटी शेयर कंपनियों द्वारा आपकी पूंजी के बदले में जारी किए गए अंश होते हैं। अंशधारक कंपनी के मालिक होते हैं एवं वे कंपनी से लाभांश प्राप्त करते हैं। वे कंपनी में प्रस्तावों पर अपना मत भी दे सकते क्योंकि वे मालिक होते हैं। कंपनियाँ अपने अंश शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध कर देती हैं ताकि लोग उनके शेयरों में किसी भी समय निवेश कर सकें। देश में मुंबई शेयर बाज़ार और राष्ट्रीय शेयर बाज़ार दो मुख्य शेयर बाज़ार हैं। इक्विटी शेयरों का बड़ी मात्रा में व्यापार यहीं से होता है।

इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड:

एक्विटी म्यूचुअल फ़ंड वे कंपनियाँ हैं जो निवेशकों से धन इकट्ठा करती हैं और उन्हें इक्विटी शेयरों में निवेश करती हैं। व्यक्तिगत रूप से कंपनियों के विषय में खोज करने के बजाय, अधिकांश व्यक्ति इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करने को अधिक सुविधाजनक समझते हैं। ये लार्ज कैप, स्माल कैप एवं मिड केप फ़ंड हो सकते हैं और ऐसे फ़ंड हो सकते हैं जो विशेष प्रसंग के अनुसार बने होते हैं जैसे फार्मास्यूटिकल फ़ंड, इनफ्रास्ट्रक्चर फ़ंड आदि। ये वे इक्विटी फ़ंड हैं जो विदेश में सूचीबद्ध कंपनियों में भी निवेश करते हैं।

शेयर बाज़ार में खरीदी बेची जाने वाले निधियाँ (एक्स्चेंज ट्रेडेड फ़ंड):

एक्स्चेंज ट्रेडेड फ़ंड वे म्यूचुअल फ़ंड हैं जो शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध हैं। ये अंतर्निहित संपत्ति की गतिविधि की ही नकल करते हैं। इंडेक्स फ़ंड व इंडेक्स ई टी एफ की निवेश सूची इंडेक्स के समान ही होती है इसलिए वे इंडेक्स के लगभग समान ही लाभ प्रदान करते हैं। मेटल फ़ंड (धातु निधियाँ) धातुओं को भौतिक रूप में अपने पास रखने के समान ही किन्तु तरलता की सुविधा के साथ लाभ प्रदान करते हैं। इन निधियों में निवेश अपेक्षाकृत कम होते हैं क्योंकि निधि/फ़ंड को अपनी निवेश रणनीति को बदलने की आवश्यकता नहीं होती है। क्योंकि शेयर बाज़ार से होने वाले लाभ निश्चित नहीं होते, इक्विटी फ़ंड से लाभ घटते बढ़ते हुए होते हैं।

ऋण म्यूचुअल फ़ंड:

ऋण म्यूचुअल फ़ंड निवेशकों से निधि एकत्र करते हैं और उन्हें निश्चित आय वाले उपकरणों में निवेश कर देते हैं। ये ऋण म्यूचुअल फ़ंड निवेश के पकने के आधार पर पुनः वर्गीकृत किए गए हैं। आपके पास रातों रात पकने वाले म्यूचुअल फ़ंड से लेकर कॉल मनी तक (पकने की अवधि 7 दिन) शॉर्ट टर्म (कम अवधि के), मीडियम टर्म (बीच वाली अवधि के) व लॉन्ग टर्म (लंबी अवधि के) फ़ंड हैं जिनका पोर्टफोलियो पकने की अवधि के आधार पर बदलता है। ऋण फ़ंड निश्चित आय प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं जिनसे स्थिर लाभ होते हैं। यद्यपि, लंबी समयावधि वाले ऋण फ़ंड, बॉन्ड जिनके लाभ अस्थिर या घटते बढ़ते रहते हैं, में निवेश करते हैं।

सावधि जमा:

ये बैंक, डाकघर या कंपनियों द्वारा प्रदान किए जाने वाले सावधि जमा होते हैं। आप कहाँ निवेश करते हैं इस आधार पर ब्याज दर में अंतर होता है। यदि आप कॉर्पोरेट सावधि जमा में निवेश करने के विषय में सोचते हैं तो निवेश की रेटिंग को देख लेना आवश्यक है। रेटिंग देने वाली एजेंसियाँ इन जमाओं को रेटिंग देती हैं। यदि जमा की रेटिंग AA से कम है, तो अपनी निधि को कहीं और रखना अधिक सुरक्षित है। हो सकता है कि कंपनी बुरी न हो लेकिन निधि को उच्च रेटिंग प्राप्त सावधि जमा जहां आपकी पूंजी सुरक्षित रहती है, में निवेश करना बेहतर है। कॉर्पोरेट सावधि जमा की अपेक्षा बैंक व डाकघर के सावधि जमा अधिक सुरक्षित होते हैं।

बॉन्ड:

बॉन्ड कंपनियों द्वारा एकत्र की म्यूचुअल फ़ंड गई वह निधि होती है जहां वे आपको उस धनराशि पर ब्याज देने हेतु अनुबंधित होती हैं। बॉन्ड कंपनियों,नगरपालिकाओं, राज्य व केंद्र सरकारों द्वारा जारी किए जा सकते हैं। पुनः, इन बॉन्ड में निवेश करने के पहले इनकी रेटिंग के प्रति जागरूक रहें। आप इन बॉन्ड में सीधे निवेश कर सकते हैं अथवा आप अपनी निधि को ऋण म्यूचुअल फ़ंड जो बॉन्ड में निवेश करते हैं, में डाल सकते हैं।

ऋण पत्र:

ऋण पत्र प्रत्याभूत उपकरण हैं जहां ऋण पत्रों द्वारा जारी की गई निधियाँ कंपनी की किसी सम्पत्ति द्वारा प्रत्याभूत होती हैं। इसका अर्थ ये है कि यदि कंपनी मूलधन को न चुका पाये, तो वह सम्पत्ति ऋणपत्रों के मोचन हेतु धन प्रदान करने के लिए बेच दी जाएगी। यह निवेशक को सुरक्षा प्रदान करता है। आप ऋण पत्रों में निवेश करने के लिए अपने ब्रोकर से संपर्क कर सकते हैं।

डेरिवेटिव:

डेरिवेटिव अल्पकालिक उत्पाद होते हैं जिनका मूल्य एक अंतर्निहित सम्पत्ति पर निर्भर करता है। इस बाज़ार को भविष्य का बाज़ार भी कहा जाता है। इनमें स्टॉक डेरिवेटिव, इंडेक्स डेरिवेटिव, मुद्रा डेरिवेटिव व कोमोडिटी डेरिवेटिव होते हैं। यद्यपि जब तक आप तकनीकी रूप से निपुण न हों, डेरिवेटिव में निवेश की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि आप अपना धन गँवा सकते हैं।

इक्विटी शेयर, म्यूचुअल फ़ंड, एक्स्चेंज ट्रेडेड फ़ंड व डेरिवेटिव में निवेश करने के लिए, आपको एक डीमैट खाते व एक ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता होगी। आप किसी भी निक्षेपागार प्रतिभागी जो NSDL या CDSL के साथ पंजीकृत हो, के साथ अपना डीमैट खाता खोल सकते हैं। इन दोनों ही निक्षेपागारों (depositeries) की अपनी वेबसाइट पर पंजीकृत निक्षेपागारों की सूची है। आपको एक ट्रेडिंग खाते की भी आवश्यकता होगी जिसे आप किसी भी SEBI पंजीकृत ब्रोकर के यहाँ खोल सकते हैं। यदि आप कोमोडिटी में व्यापार करना चाहते हैं तो आपको MCX में पंजीकृत ब्रोकर के यहाँ एक विशेष ट्रेडिंग खाता खोलना होगा।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने एलआईसी म्यूचुअल फ़ंड के साथ किया करार

देहरादून – 05 नवंबर 2022: यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी बैंक शाखाओं के माध्यम से म्यूचुअल फ़ंड उत्पादों के वितरण के लिए एलआईसी म्यूचुअल फ़ंड के साथ करार किया. एलआईसी म्यूचुअल फ़ंड के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ श्री टी. एस. रामकृष्णन की उपस्थिति में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक श्री संजय नारायण और एलआईसी म्यूचुअल फ़ंड के कार्यपालक निदेशक और कारोबार प्रमुख श्री नित्यानन्द प्रभु द्वारा करार पर हस्ताक्षर किए गए.

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया तीसरे पक्ष आय में अच्छा कार्यनिष्पादन कर रहा है, और अपने ग्राहकों को विशिष्ट उत्पाद प्रदान करने के लिए बीमा और म्यूचुअल फ़ंड भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रहा है. इस अवसर पर बात करते हुए, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक श्री संजय नारायण ने बताया, ”यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में हमारे ग्राहकों को सदैव सर्वोत्तम उत्पाद प्रदान करने का हमारा प्रयास रहा है. हमें एलआईसी के साथ अपने गठ जोड़ की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है जो विशेष रूप से हमारे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के ग्राहकों के लिए शुभ संकेत होगा.” एलआईसी म्यूचुअल फ़ंड के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ श्री टी. एस. रामकृष्णन ने बताया, “हमें अपने म्यूचुअल फ़ंड उत्पादों की पेशकश करने के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ साझेदारी करते हुए खुशी हो रही है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और एलआईसी एमएफ़ की देश भर में व्यापक पहुँच है, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, जो हमें बड़ी संख्या में निवेशकों तक पहुँचने में सक्षम बनाएगा.”

बैंक के बारे में:

8729 शाखाओं के साथ, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया कारोबार की मात्रा के मामले में समामेलन के बाद सार्वजनिक क्षेत्र का चौथा सबसे बड़ा बैंक है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का कुल कारोबार सितंबर, 2022 तक 18 ट्रिलियन पार कर गया है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया अत्यंत प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण के साथ अनुकूलित उत्पादों की पेशकश करने में सबसे आगे रहा है. कारोबार करने में आसानी के साथ अपने ग्राहकों को सशक्त बनाने के लिए बैंक ने कई डिजिटल पहल भी की हैं. हाल ही में डीएफ़एस द्वारा जारी ईज़ रैंकिंग में, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने विभिन्न मानकों के तहत अपने कार्यनिष्पादन में सुधार किया है, जिसका श्रेय बैंक अपने अत्यधिक प्रेरित कार्यबल के साथ- साथ अपनाई गई अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी पहलों को देता है.

एलआईसी म्यूचुअल फ़ंड के बारे में:

एलआईसी ऑफ इंडिया द्वारा 20 अप्रैल 1989 को स्थापित एलआईसी म्यूचुअल फ़ंड (एलआईसी एमएफ़), भारत में संचालित सबसे पुराने और अग्रणी म्यूचुअल फ़ंड में से एक है, जो बीमा उद्योग में विश्वसनीय ब्रांड भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा प्रायोजित है. एलआईसी एमएफ़ ऋण, इक्विटी, हाइब्रिड, निष्क्रिय और समाधान उन्मुख योजनाओं को कवर करते हुए 28 उत्पादों का सम्पूर्ण समूह पेश करता है. यथा 31 अक्तूबर, 2022 एलआईसी एमएफ़ की प्रबंधन के तहत औसत संपत्ति (एएयूएम),17,232 करोड़ रुपए है. एलआईसी एमएफ़ 31 शाखा कार्यालयों और 182 निवेशक सेवा केन्द्रों (म्यूचुअल फ़ंड यथा अक्तूबर -2022) के माध्यम से संचालित होता है.

GOOGLEFINANCE

'Google वित्त' से प्रतिभूतियों की वर्तमान या ऐतिहासिक जानकारी लाता है.

उपयोग का नमूना

GOOGLEFINANCE("GOOG", "price", DATE(2014,1,1), DATE(2014,12,31), "DAILY")

सिंटैक्स

GOOGLEFINANCE(ticker, [attribute], [start_date], [end_date|num_days], [interval])

ticker - विचार की जाने वाली प्रतिभूति का टिकर प्रतीक.

नोट: Reuters Instrument कोड अब काम नहीं करते हैं. जैसे, टिकर 123.TO या XYZ.AX काम नहीं करेंगे. इसके बजाय, TSE: 123 या ASX:XYZ का इस्तेमाल करें.

सुझाए गए: विरोध से बचने के लिए एक एक्सचेंज जोड़ें. जैसे "GOOG" के बजाय "NASDAQ: GOOG" का इस्तेमाल करें. अगर कोई एक्सचेंज तय नहीं है, तो आपके लिए एक चुनने के लिए GOOGLEFINANCE अपने सबसे बेहतर अनुमान लगाएगा.

attribute - [ वैकल्पिक - "कीमत" डिफ़ॉल्ट रूप से ] - Google वित्त से ticker के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विशेषता. अगर कोई तारीख निर्दिष्ट की गई है, तो यह ज़रूरी है.

रियल टाइम डेटा के लिए attribute निम्न में से कोई एक होता है:

"price" - रियल टाइम कीमत, इसकी जानकारी मिलने में 20 मिनट की देर भी हो सकती है.

"priceopen" - बाज़ार खुलने के समय कीमत.

"high" - आज के दिन की सबसे ऊंची कीमत.

"low" - आज के दिन की सबसे कम कीमत.

"volume" - आज के दिन ट्रेडिंग की मात्रा.

"marketcap" - स्टॉक का बाज़ार पूंजीकरण.

"tradetime" - आखिरी ट्रेडिंग का समय.

"datadelay" - रियल टाइम डेटा मिलने में होने वाली देर.

"volumeavg" - ट्रेडिंग की औसत दैनिक मात्रा.

"pe" - कीमत/आय अनुपात.

"eps" - प्रति शेयर आय.

"high52" - 52 हफ़्ते में सबसे ऊंची कीमत.

"low52" - 52 हफ़्ते में सबसे कम कीमत.

"change" - पिछले ट्रेडिंग दिन की समाप्ति से ले कर अब तक कीमत में हुआ परिवर्तन.

"changepct" - पिछले ट्रेडिंग दिन की समाप्ति से ले कर अब तक कीमत में हुआ प्रतिशत परिवर्तन.

"closeyest" - पिछले दिन की समापन कीमत.

"shares" - बकाया शेयर की संख्या.

"currency" - वह मुद्रा जिसमें प्रतिभूति की कीमत तय की गई है. मुद्राओं में ट्रेडिंग विंडो नहीं होती, इसलिए इस तर्क के लिए open , low , high और volume से कोई परिणाम नहीं मिलेगा.

attribute ऐतिहासिक डेटा के लिए निम्न में से कोई एक होता है:

"open" - निर्दिष्ट तारीख के लिए शुरुआती कीमत.

"close" - निर्दिष्ट तारीख के लिए समापन कीमत.

"high" - निर्दिष्ट तारीख के लिए सबसे ऊंची कीमत.

"low" - निर्दिष्ट तारीख के लिए सबसे कम कीमत.

"volume" - निर्दिष्ट तारीख के लिए मात्रा.

"all" - ऊपर दिए गए सभी.

attribute म्यूचुअल फ़ंड डेटा के लिए निम्न में से कोई एक होता है:

"closeyest" - पिछले दिन की समापन कीमत.

"date" - वह तारीख जब शुद्ध एसेट मूल्य रिपोर्ट किया गया था.

"returnytd" - इस वर्ष आज तक का प्रतिफल.

"netassets" - शुद्ध संपत्तियां.

"change" - सबसे हाल में रिपोर्ट किया गया शुद्ध संपत्ति मूल्य और उससे ठीक पहले का शुद्ध संपत्ति मूल्य.

"changepct" - शुद्ध संपत्ति मूल्य में प्रतिशत बदलाव.

"yieldpct" - वितरण प्राप्ति, यानी पिछले 12 महीने के आय वितरण (स्टॉक डिविडेंड और निश्चित आय ब्याज भुगतान) और शुद्ध संपत्ति मूल्य लाभ के योग का पिछले महीने की शुद्ध संपत्ति मूल्य संख्या से विभाजन.

"returnday" - एक दिन का कुल प्रतिफल.

"return1" - एक हफ़्ते का कुल प्रतिफल.

"return4" - चार हफ़्ते का कुल प्रतिफल.

"म्यूचुअल फ़ंड return13" - तेरह हफ़्ते का कुल प्रतिफल.

"return52" - बावन हफ़्ते (एक साल) का कुल प्रतिफल.

"return156" - 156 हफ़्ते (तीन साल) का कुल प्रतिफल.

"return260" - 260 हफ़्ते (पांच साल) का कुल प्रतिफल.

"incomedividend" - सबसे हाल में हुए नकद वितरण की राशि.

"incomedividenddate" - सबसे हाल में हुए नकद वितरण की तारीख.

"capitalgain" - सबसे हाल में हुए पूंजी लाभ वितरण की राशि.

"morningstarrating" - मॉर्निंगस्टार की "स्टार" रेटिंग.

"expenseratio" - फ़ंड का व्यय अनुपात.

start_date - [ वैकल्पिक ] - ऐतिहासिक डेटा ढूंढकर लाते समय शुरू होने की तारीख.

  • अगर start_date निर्दिष्ट किया गया है, लेकिन end_date|num_days निर्दिष्ट नहीं किया गया है, तो केवल एक दिन का डेटा दिखाया जाएगा.

end_date|num_days - [ वैकल्पिक ] - ऐतिहासिक डेटा ढूंढकर लाते समय खत्म होने की तारीख या फिर start_date से ले कर उतने दिनों की संख्या, जितने दिनों का डेटा दिखाया जाएगा.

interval - [ वैकल्पिक ] - दिए गए डेटा की आवृत्ति; "रोज़ाना" या "हर हफ़्ते".

  • interval का मान 1 या 7 भी रखा जा सकता है. अन्य संख्यात्मक मानों की अनुमति नहीं है.

सभी पैरामीटर को उद्धरण चिह्नों से घेरना चाहिए या वे टेक्स्ट वाले सेल के संदर्भ होने चाहिए, इसका अपवाद सिर्फ़ वह स्थिति है, जब interval को एक संख्या के रूप में निर्दिष्ट किया गया हो और जब end_date|num_days को दिनों की संख्या के रूप में निर्दिष्ट किया गया हो.

रियल टाइम परिणाम एक सेल के अंदर एक मान के रूप में दिखाए जाएंगे. ऐतिहासिक डेटा को, भले ही वह एक दिन का हो, स्तंभ हेडर के साथ एक विस्तृत सरणी के रूप में दिखाया जाएगा.

हो सकता है कुछ विशेषताएं सभी प्रतीकों के लिए परिणाम न दिखा सकें.

GOOGLEFINANCE केवल अंग्रेज़ी में उपलब्ध है और ज़्यादातर अंतरराष्ट्रीय विनिमयों के लिए उपलब्ध नहीं है.

ऐतिहासिक डेटा पत्रक API (एपीआई) या Apps स्क्रिप्ट के ज़रिए डाउनलोड या एक्सेस नहीं किया जा सकता. अगर आप ऐसा करने की कोशिश करते हैं, तो आपको अपनी स्प्रैडशीट पर संबंधित सेल में मानों की जगह #N/A गड़बड़ी दिखाई देगी.

भाव सभी बाज़ारों के हवाले से नहीं हासिल होते और उनकी जानकारी मिलने में 20 मिनट देर हो सकती है. जानकारी 'जैसी है' आधार पर सिर्फ़ सूचनाप्रद उद्देश्यों के लिए दी जाती है, व्यापार या सलाह जैसे उद्देश्यों के लिए नहीं.

GOOGLEFINANCE में तय की गई तारीखों को दोपहर UTC समय के रूप में माना जाता है. उस समय से पहले बंद होने वाले एक्सचेंज को एक दिन में स्थानांतरित किया जा सकता है.

उदाहरण

Google वित्त से बाज़ार की जानकारी लाता है.

यहां सामान्य विशेषताओं की एक सूची दी गई है.

निर्दिष्ट तारीखों के आधार पर Google वित्त से ऐतिहासिक बाज़ार जानकारी ले कर आता है.

यहां म्यूचुअल फ़ंड के लिए सामान्य विशेषताओं की एक सूची दी गई है.

GoogleFinance की ओर से दिखाए गए, फिर से हासिल किए जाने वाले परिणाम का उपयोग करके पिछले 30 दिनों के दौरान मुद्रा विनिमय का रुझान दिखाने के लिए किसी सेल के अंदर चार्ट बनाता है.

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